Income Tax Return 2022 – अगर अभी तक आईटीआर ITR फाइल नहीं किए है, तो इस कारन लग सकता है जुर्माना |

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ITR filing Deadline 2022:- जैसा कि आप सभी को पता है, आइटीआर फाइलिंग के लिए डेडलाइन मैं हर बार बदलाव होती रहती है हालाकि उसके भरोसे बेफिक्र होकर बैठना ठीक बात नहीं है, अगर आइटीआर फाइलिंग का लास्ट डेट अगर नहीं बदलता है तो आप सभी को आइटीआर फाइल करने के लिए जुर्माना भी देना हो सकता है तो हमारे हिसाब से ऐसे में अच्छी बात यही है की बिना कोई देरी किए हुए लास्ट डेट यानी अंतिम तारीख से ही पहले आइटीआर फाइल करवा ले, हालांकि अभी तो आइटीआर फाइल करने की डेडलाइन लास्ट डेट 31 जुलाई 2022 तक की हैं।

Table of Contents

आइटीआर फाइलिंग हाइलाइट्स (ITR filing Deadline 2022)

Highlights-

  • ➡️31 जुलाई तक है आइटीआर फाइलिंग की अंतिम तिथि इनकम टैक्स रिटर्न फिल अप करने का लास्ट डेट |
  • ➡️यदि के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो लग सकता है जुर्माना |
  • ➡️तो डेडलाइन से पहले करवाले इनकम टैक्स रिटर्न ITR आइटीआर फाइल |
  • ➡️Income Tax e-filing portal has received more than 2 Crore income tax returns (itrs) for (AY-2022-23)

तो मैं आप सभी लोगों को बता दूं कि एक बार और सभी टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने करने का टाइम आ चुका है चुकी है लास्ट वर्ड्स वर्ष फाइनेंशियल ईयर 2021 से 2022 (Financial Year 22) तो एसेसमेंट ईयर 2022 से 2023 ए वाई टू थ्री (AY23) के लिए आइटीआर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन इसी महीने या नहीं यह सप्ताह से हो रही है हालाकी आइटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि आइटीआर फाइलिंग डेडलाइन 31 जुलाई 2022 तक है, जैसा कि आइटीआर (ITR) Income Tax Return भरने की लास्ट डेट में हर फाइनेंसियल ईयर में कुछ ना कुछ बदलाव होते रहता है,

यदि उसके भरोसे आप सभी टैक्सपेयर्स आराम से बैठे रहेंगे तो आपको जुर्माना भरना पर सकता है, तो मेरे हिसाब से अच्छी बात यही है कि बिना कोई साइन रेस किए लास्ट तारीख से ही पहले आप सभी अपना आईटीआर फाइल करवा ले । महत्वपूर्ण बात यह है कि आइटीआर फाइल करते समय सबसे जरूरी बात ध्यान रखें कि टैक्सेबल इनकम का पता कैसे लगाएं और आज हम आप सभी टैक्सपेयर्स को यही बात बताने वाले हैं।

एंप्लॉय (Employee) लोगों के लिए बहुत आसान है आइटीआर फाइलिंग करना (Income Tax Return)

हम आपको बता दें कि आज के समय में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिसे आइटीआर फाइलिंग करना आवश्यक है जो एक से अधिक बिजनेस से करते है, जिसमें किराये से आय रेंटल इनकम, (Rental Income) सैलरी (Salary), शेयर बाजार या ट्रेडिंग एप और म्यूचुअल फंड (Share Bazar, Trading Apps and mutual funds income), यूट्यूब से इनकम (YouTube income) इत्यादि (ETC) से कमाई होती है । आप सभी को पता होगा की इनकम टैक्स एक्ट के तहत कर योग्य आई मतलब ऑल टोटल टैक्सेबल इनकम को 5 स्तरों में विभाजित किया गया है जैसा कि इनमें हाउस प्रॉपर्टी से आय, वेतन से आय, बिजनेस से आय, ऑनलाइन से आय और विभिन्न प्रकार के आय शामिल है ।

अगर आप एक एंप्लॉय हो और आपकी इनकम का सोच सिर्फ और सिर्फ वेतन है तो भी आइटीआर फाइलिंग करने की जरूरत है लेकिन ज्यादा टेंशन लेने वाली बात नहीं है क्योंकि वेतन योगी लोगों के लिए फॉर्म 16 से टैक्सेबल कमाई का पता लगा सकते हैं और बिना कोई जुर्माना के आइटीआर फाइलिंग कर सकते हैं और फॉर्म 16 में अभी तक की अगर टैक्स नहीं कटा तो कुछ वेतन कर छूट और डिडक्शन इत्यादि का भी ब्योरा देना होता है एक तरह से माने तो फॉर्म 16 डीडीएस का भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है ।

अगर आप एक किराएदार हैं तो किराए से होने वाली आय की ऐसे करेंगे इनकम शो

जैसा की आप लोगों को पता है सैलरी से और सैलरी के अलावा अधिकांश लोगों के लिए इनकम का अधिकतम स्रोत है किराया भारतीय जनता लोगों के लिए बहुत ही अच्छा इन्वेस्टमेंट एवेन्यू है लोगों सब मकान खरीद कर उसे अपने हिसाब से किराए पर लगा देते हैं और इनकम का स्रोत आगे बढ़ाते हैं इस कैटेगरी में तीन बातें बहुत अहम है कि आप सभी को यहां देखना होगा की आप लोगों की प्रॉपर्टी सेल्फ ऑक्यूपाइड है या रेंटल प्रॉपर्टी अन्यथा किराए पर या भाड़े पर चलने वाली प्रॉपर्टी के दायरे में बताती है यदि आप सभी जानते होंगे सेल्फ ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी वह होता है |

जिसमें संपत्ति पर आपका यानी जिस पर उस व्यक्ति का खुद का कब्जा हो अगर यदि आपके पास 1 से भी ज्यादा प्रॉपर्टी है, तो आप उन सभी में से किसी एक को सेल्फ ऑक्यूपाइड जमीन के रूप में स्वीकार कर सकते हैं | और तभी इसे सेल्फ ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी से आने वाली कमाई को इनकम नहीं मानी जा सकती हैं यदि इस पर कोई भी टाइप का होम लोन चल रहा होगा या है तो इंटरेस्ट यानी ब्याज पर 2 लाख से अधिक रुपए तक का और मूलधन के भुगतान पे 80C के तहत अधिक सम अधिकतम 1.5 लख उनके करीब कर छूट का चयन भी किया जाएगा यदि आप लोगों को पता है की किराए पर दी गई संपत्ति यानी रेंटल प्रॉपर्टी कहलाती है और वही एससी प्रॉपर्टी जोकि सेल्फी फाइट ऑक्यूपाइड नहीं है और किराए पर भी ना लगा हो तो “डिम्ड टू बी लेट आउट” मतलब किराया पर लाभ उठाने वाला संपत्ति बोला जाता है ।

यदि आप की कमाई शेयर बाजार से है तो भी देना होगा टैक्स (Income Tax Return 2022)

तो आप सभी लोगों को यह नहीं पता है कि शेयर बाजार से जो भी इनकम होती है इस पर टैक्स नहीं देना होता है तो गलती से भी यह पढ़ना ना भूले यदि आप मकान दुकान म्यूच्यूअल फंड और शेयर बाजार, ट्रेडिंग आदि जैसे ऐप्स से से भी खरीद बिक्री से होने वाली कमाई यानी इनकम पर है टैक्स देना अनिवार्य है यदि इनकी बिक्री से हुई प्रॉफिट को कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है की आपको इन्हें कितने वक्त तक वेट इंतजार करने के बाद सेल कर सकते हैं इससे कैपिटल गेन का एक प्रकार से तय होता है हम आप सभी लोगों को बता दूं कि कैपिटल गैन दो प्रकार के होते हैं जैसे मैं एक लोंग टर्म कैपिटल गैन (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन (STCG) कहां जाता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन (STCG) यह दोनों के लिए इनकम टैक्स की विभिन्न प्रकार के दरें अलग से ही तय है तो इस प्रकार आप सभी को उसी के हिसाब से इनकम टैक्स का लेनी देनी यानी भुगतान करना पड़ता है ।

अभी टैक्स भरने के लिए टैक्सपेयर्स को किस प्रकार का विकल्प मिलता है (Income Tax Return 2022)

तो ज्यादातर ऐसे लोग भी हैं जिन्हें जॉब के अलावा कई सारे बिजनेस होते हैं ऐसे लोग जिनको बिजनेस कहने कारोबार अन्यथा किसी प्रकार के पैसे से इनकम हो रही है या उन्हें उससे आने वाली कमाई की जानकारी बिजनेस या पैसे से आय श्रेणी बताना जरूरी होता है अन्यथा अन्य स्रोतों से आने वाली आय जैसे मैं बैंक खाते बीमा कंपनी से मिलने वाली PENSION शेयर बाजार और ट्रेडिंग, म्यूच्यूअल फंड, बैंक BANK FD जैसी आने वाली इनकम से डिविडेंड आदि शामिल होते हैं तो इस प्रकार से आपने टोटल इनकम का टैक्सेबल पता कर सकते हैं ।

हालांकि अब 80D 80C आदि के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा भी प्राप्त किया जा सकता है फिलहाल करदाताओं को पहले वाली कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था में से किसी एक को ही चुनने की अनुमति यानी छूट मिलती है नई कर व्यवस्था को चूज करने पर करीब 70 टाइप का टैक्स डिडक्शन ( 70 Types of Tax) और छूट से मुंह फेरना पर जाता है तो आप सभी टैक्सपेयर्स अपने टोटल टैक्सेबल इनकम के हिसाब से यह भी पता लगा सकते हैं की आप सभी लोगों के लिए कौन-कौन सी व्यवस्था से फायदा होगा ।

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